अपनी बेबसी पर आज रोना आया; दूसरों को क्या मैंने तो अपनों को भी आजमाया; हर दोस्त की तन्हाई हमेशा दूर की मैंने; लेकिन खुद को हर मोड़ पर हमेशा अकेला पाया।
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अपनी बेबसी पर आज रोना आया; दूसरों को क्या मैंने तो अपनों को भी आजमाया; हर दोस्त की तन्हाई हमेशा दूर की मैंने; लेकिन खुद को हर मोड़ पर हमेशा अकेला पाया।
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