पलकों को जब-जब हमने झुकाया है; बस एक ही ख्याल आया है; कि जिस खुदा ने तुम्हें बनाया है; तुम्हें धरती पर भेजकर वो कैसे जी पाया है!
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पलकों को जब-जब हमने झुकाया है; बस एक ही ख्याल आया है; कि जिस खुदा ने तुम्हें बनाया है; तुम्हें धरती पर भेजकर वो कैसे जी पाया है!
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