हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की; और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की; शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है; क्या ज़रूरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की?
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हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की; और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की; शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है; क्या ज़रूरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की?
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