तुम मेरे रास्तों को नहीं मोड़ सकते
क्यों की मैं मोड़ पर ही रास्ता बनाता हूँ
तुम मेरे रास्तों को नहीं मोड़ सकते
क्यों की मैं मोड़ पर ही रास्ता बनाता हूँ
ज़िन्दगी का ये हूनर भी आज़माना चाहिए
जंग अगर अपनो से हो तो हार जाना चाहिए
मसला तो तेरे मेरे दरमियान था ऐ मोहोब्बत
फ़िर ये ज़माना बीच मे कहाँ से आ गया
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हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई ...!!!
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है
तमाम उम्र इसी बात का गुरुर रहा मुझे
किसी ने मुझसे कहा था की हम तुम्हारे है
तेरे दिल तक पहुँचे मेरे लिखे हर लब्ज
बस इसी मकसद से मेरे हाथ कलम पकड़ते है
मैंने पूछा क्यूँ आये.. मेरी जिंदगी में..??
पास आये और धीरे से बोले दिल दुखाने...
तेरे दिल तक पहुँचे मेरे लिखे हर लब्ज
बस इसी मकसद से मेरे हाथ कलम पकड़ते है
कौन कहता है दर्द सिर्फ महोब्बत में होता है
धुप में खड़ी बाइक पर बैठ कर देखो
मुहोब्बत नहीं थी उसे मुझसे ये जानता था मैं
फिर भी ये बात कहाँ मानता था मैं
सुकून मिलता है दो लफ्ज़ कागज पर उतार कर
चीख भी लेती हूँ और आवाज भी नहीं होती
हम नवाब इसलिए है क्यो कि हम लोगो पे नही
लोगो के दिलो पे राज करते है
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहतें
है
!
के जख्म ताजा रहें निशान चला जाये
शक ना कर मेरी मुहब्बत पर पगली
अगर मै सबूत देने पर आया तो तु बदनाम हो जायेगी