ना शौहर बनाया न दीवाना बनाया
उसे कोई रिश्ता ना निभाना आया
ना शौहर बनाया न दीवाना बनाया
उसे कोई रिश्ता ना निभाना आया
ये भी अच्छा है सिर्फ सुनता है; दिल अगर बोलता तो कयामत हो जाती!
लड़ाई दिल और दिमाग की थी
कम्बख्त लीवर को नुक्सान उठाना पड़ा
तड़पती देखता हूँ जब कोई चीज
.
उठा लेता हूँ अपना दिल समझ कर
सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह
उन सबके बीच तेरी कमी अपनी जगह
हमे दुवाए दिल से मिली है
कभी खरीदने को जेब में हाथ नही डाला
भले ही अपने जीगरी दोस्त कम हैं
पर जीतने भी है परमाणु बम हैं
हम तो तराश देते पत्थरो को भी
उसे हम मोम को भी ना पिघलाना आया
तुम बहुत दिल-नशीन थे मगर
जब से किसी और के हो गए हो ज़हर लगते हो
हमे दुवाए दिल से मिली है,
कभी खरीदने को जेब में हाथ नही डाला..
ठुकरा दिया तूने अच्छा किया
मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं
बहुत दूर तक जाना पड़ता है,
सिर्फ यह जानने के लिए, नज़दीक कौन है..
तु होगी चाँद का टुकडा ,
पर मे भी मेरे पापा का जीगर का टुकडा हु..
क्या कहूँ कितना मुश्किल है
जिसके लिए जीना उसी के बगैर जीना
ज़िन्दगी भर के इम्तिहान के बाद
वो नतीजे में किसी और के निकले