पगली तेरी ख़ामोशी, अगर तेरी मज़बूरी है,
तो रेहने दे, इश्क़ कोनसा जरुरी है. . .

सितम सब सह लिए तेरे दिल और रूह ने पर
थोड़ा स्वाभिमान अभी बाकी है मुझमें

ऐ दिल जरा धीरे से धडकना
कहीं चोट ना लग जाये उसे जो इस दिल में रहता है
G.R..s

हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का
बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम

जब तेरा दर्द मेरे साथ वफ़ा करता है
एक समन्दर मेरी आँखों से बहा करता है

दुनिया वालों ने तो फकत उसको हवा दी थी;​ ​ लोग तो घर ही के थे आग लगाने वाले।

तुम सो जाओ अपनी दुनिया में आराम से
मेरा अभी इस रात से कुछ हिसाब बाकी है

तुम्हे कया पता किस दर्द में हुँ में
जो कभी लिया नही उस कर्ज में हुँ में

हम तो फिरते थे उसकी तस्वीर ले लेकर दर बदर
उसे आज तक ना प्यार दिखाना आया

जिन लम्हो का जिक्र आज तू हर एक से करती है
उनसे रुबरु तो हमने कराया था ना

जी तो चाहता है चीर के रख दूं तुझे; ए दिल न तूं रहे तुझमे और न तूं रहे मुझमें!

Dur Reh Kr Qareeb kitny Hai

Faasly Bhi Ajeeb Kitny Hai

Dard e Dil Ki Dawa Nhi Werna

Is Jahan Main Tabeeb Kitne Hai

Umar bhar Saath Jo Rahe Tere

Us ke Achy Naseeb Kitne Hai

Kyun Na Aaya Main Tere Sapno Main

Mere Shikway Bhi Ajeeb Kitne Hai

जिन लम्हो का जिक्र आज तू हर एक से करती है
उनसे रुबरु तो हमने कराया था ना

पतंग सी हैं जिंदगी कहाँ तक जाएगी
रात हो या उम्र एक ना एक दिन कट ही जाएगी

रगों मे दौडने फिरने के नहीं हम कायल
जो आॅख से ही न टपके वो आंंसू क्या है