मैं उसका हूं ये राज तो वो जान गई है
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता
मैं उसका हूं ये राज तो वो जान गई है
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता
अगर प्यार करती हो तो आ सामने,,
यु छीप छीप कर स्टेटस
पढने का मतलब क्या हैं?
मैं उसका हूं ये राज तो वो जान गई है
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता
कहानी खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो,
कि लोग रोने लगे, तालियाँ बजाते बजाते..
माँगने से मिल सकती नहीं हमें एक भी ख़ुशी; पाये हैं लाख रंज तमन्ना किये बगैर।
सूखे पत्तों की तरह बिखरे थे हम।
किसी ने समेटा भी तो सिर्फ जलाने के लिए।
कभी भी ख़ुशी मे शायरी नहीं लिखी जाती है ये वो धुन है जो दिल टूटने पर बनती है....!!
कोन कहता हे मुसाफिर जख्मी नही होते
रस्ते गवाह है कम्बख्त गवाही नही देते
तुम्हारी शर्तो से शहेनशाह बनने से बहेतेर हे
की अपनी शर्तो पे फ़क़ीर बन जाऊ
इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना; दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना।
सिलवटें ही सिलवटें थी बिस्तर पर सुबह
यादों की करवटें ही करवटें थी रात भर
मोहब्बत के नये मायने ढूंढने पड़ेंगे
उसने कहा तू जो करता है वो मोहब्बत नही
कहने देती नहीं कुछ मुँह से मोहब्बत मेरी; लब पे रह जाती है आ आ के शिकायत मेरी।
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा
जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे
इश्क मुहब्बत क्या है मुझे नही मालूम
बस तुम्हारी याद आती है सीधी सी बात है