कश्ती मुहब्बत की ,वो पतवार दुर ले जाकर बैठा हे .....
हम परिदें मुहब्बत के किनारे पर हे वो बीच सागर मे बैठा हे 💞💞💞💞

आज किसी की दुआ की कमी है, तभी तो हमारी आँखों में नमी है, कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है......♡

किसी ने यूँ ही पूछ लिया हमसे कि दर्द की कीमत क्या है; हमने हँसते हुए कहा पता नहीं... कुछ अपने मुफ्त में दे जाते हैं।

एक ‪#‎छोरी‬ मुझसे बोली
एक तो तू ‪#‎Smart_Handsome‬ होके भी
‪#‎Single‬ क्यू है
मेंने भी बोल दिया 😇
‪#‎संस्कार_पगली_संस्कार‬ 😛

अपनों से करके किनारा राह के मुसाफिरों को अपना कहने वाला
मुड़ के आएगा जिस दिन बिखर चुका होगा तेरे अपनों का मेला

युँ न आजमाया करो मेरी दोस्ती-ए-वफा को साहिबां
चाहे जिस तराजू में तौलकर देख लो पलड़ा अपनी ओर ही झुकता नज़र आएगा

भटकते रहे हैं बादल की तरह; सीने से लगालो आँचल की तरह; गम के रास्ते पर ना छोड़ना अकेले; वरना टूट जाएँगे पायल की तरह।

अच्छे के साथ अच्छे रहे लेकिन बुरे के साथ बुरे नहीं बने
क्योंकि पानी से खून साफ कर सकते है लेकिन खून से खून नहीं

अच्छे के साथ अच्छे रहे लेकिन बुरे के साथ बुरे नहीं बने
क्योंकि पानी से खून साफ कर सकते है लेकिन खून से खून नहीं

उल्फत में अक्सर ऐसा होता है; आँखे हंसती हैं और दिल रोता है; मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी; हमसफर उनका कोई और होता है!

दुश्मन भी हमारी हालत देख कर हँस
उठे....!
कहने लगे.. जिसका हम कुछ नही कर सके.....
उसका ‪‎मोहब्बत‬ ने क्या हाल कर दिया....!!

कब्र से मेरी लिपट क़र इस शिद्द्दत से किया गुनाह कबुल अपना,
कि आसपास के मुरदे भी तडप उठै उसके हाथो कत्ल होने को..!!®

जब वफा की बात आये तो हम ने दिल निकाल कर हथेली पर रख दिया
वो कहने लगे कोई और बात करो ऐसे खिलोनो से हम रोज़ खेलते हैं

जुक के बात करने की आदत बना ले ,
काफी फायेदे में रहोगे ;
क्युकी …. आज भी आँखे मिला कर बात करने की तेरी औकात नही हे ।।

नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है
कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है