तुम्हारे जिस्म की ख़ुश्बू गुलों से आती है,
ख़बर तक तुम्हारी अब दूसरों से आती है..

आज फिर बैठा हूँ हिचकियों के इन्तिज़ार में.
देखूं तो सही तुम कब मुझे याद करते हो ।।

रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है
कि लोग अक्सर टूटना पसंद करते है पर झुकना नहीं

कहने को ही मैं अकेला हूं पर हम चार है
एक मैं मेरी परछाई मेरी तन्हाई और तेरा एहसास

मैंने हर दर्द में इंसान को ही मरते देखा है,
कम्बख्त इश्क़ तुझे मौत क्यों नहीं आती..

उस शक्श से फ़क़त इतना सा ताल्लुक हैं मेरा
वो परेशान होता है तो मुझे नींद नही आती है

कैसे ये कह दूं की "तुमसे मोहब्बत नहीं"
मुँह से निकला झूठ "आँखों से पकड़ा जायेगा"

खामोश हूँ मै बस तुम्हारी हर खुशी के लिए
पर ये भी ना सोचो कि मेरा दिल दुखता ना होगा

मुझको मेरे वजूद की हद तक न जान पाओगे….
बेहद , बेहिसाब, बेमिसाल बेइन्तहा हूँ मैं.…!!!!

हिन्दू बनो तो मथुरा मुस्लिम बनो तो मक्का; इंसान अगर रहो तो सारा जहां तुम्हारा है।

ये तो शौक है मेरा दर्द लफ्जो मे बयां करने का
नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है

वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी
फिर क्यों उसे चाँद और मुझे आवारा कहते हैं लोग

मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं

मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो
दोस्तो..!!
रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे..!!

मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं