खुद ही मुस्कुरा रहे हो साहिब
पागल हो या मोहब्बत की शुरूआत हुई है
er kasz

कुसूर नही इसमे कुछ भी उनका
हमारी चाहत ही इतनी थी के उन्हे गुरुर आ गया.

खुद पर भरोसे का हुनर सीख ले
लोग जितने भी सच्चे हो साथ छोड़ ही जाते हैं…

इंसान जल्दी सो जाना चाहता है
मगर हालात उसे जागने पर मजबूर करते है
er kasz

मेरे अपने कहीं कम न हो जाएँ
इस डरसे मुसीबत में किसी को आजमाता नहीं
Er kasz

हो जाऊं तेरे इश्क़ में मशग़ूल इस क़दर
कि होश भी वापस आने की इज़ाज़त मांगे...!! Er kasz

खामोशियाँ उदासियों की वजह से नहीं,
बल्कि यादों की वजह से हुआ करती हैं..

में अक्सर अकेला रेह जाता हूँ
क्युकी में हमेश उनके सहारे रेहता हूँ
er kasz

वक्त के तराजू में अब किसे रखूँ
सांसों का हर रिश्ता वो तोड गया मुझसे
Er kasz

उम्र कैद की तरह होते हैं कुछ रिश्ते जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही ! Er kasz

ज़र्रा ज़र्रा जल जाने को हाज़िर हूँ,
बस शर्त है कि वो ...आँच तुम्हारी हो. Er kasz

देखना मै तुम्हे कहीं भूल ही न जाऊं
इतने मुद्दतों तक कोई खफा नहीं रहते Er kasz

पलकों को अब झपकने की आदत नहीं रही
जाने क्या हुआ है तुम्हें देखने के बाद

मेरे दिल की हालत भी मेरे वतन जैसी है
जिसको दी हुकुमत उसी ने बर्बाद किया

किस-किस दीवाने से तुम दिल लगाओगी
इक दिन अपनी ही नजरों में तुम गिर जाओगी