जाना था दूर तो पास बुलाया क्यों था,
प्यार ना था हमसे तो बहलाया क्यों था,
खुश थे हम अपनी गम-ऐ-ज़िन्दगी में,
चेहरा अपना दिखाकर तड़पाया क्यों था,
अगर वहशत थी सूरत से हमारी ही इतनी
तो कफ़न मेरे चहेरे से हटाया क्यों था...
Like (5) Dislike (0)
जाना था दूर तो पास बुलाया क्यों था,
प्यार ना था हमसे तो बहलाया क्यों था,
खुश थे हम अपनी गम-ऐ-ज़िन्दगी में,
चेहरा अपना दिखाकर तड़पाया क्यों था,
अगर वहशत थी सूरत से हमारी ही इतनी
तो कफ़न मेरे चहेरे से हटाया क्यों था...
Your Comment