किसी पत्थर में मूर्त है कोई पत्थर की मूर्त है; लो हम ने देख ली दुनिया जो इतनी खूबसूरत है; ज़माना अपनी न समझे कभी पर मुझे खबर है; कि तुझे मेरी ज़रूरत है और मुझे तेरी ज़रूरत है।

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