इतनी जल्दी तो मेरी वाली का रिप्लाई भी नहीं आता
जितनी जल्दी जल्दी भूकंप आ रहा है

घर से निकलते थे मां के हाथों बनी रोटी लेकर
आज सड़क किनारे चाय तलाशती हैं जिंदगी

प्यार मोहब्बत आशिकी ये बस अल्फाज थे
मगर जब तुम मिले तब इन अल्फाजो को मायने मिले

आज भी लोग हमारी इतनी इज्जत करते हैं
हम जिसे मेसेज करते हैं वो सर झुकाकर पढ़ते हैं

किसी को मिल गया मौका बुलन्दियों को छूने का
मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया

कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही निकला
जरूरत ही सब कुछ है मुहब्बत कुछ नहीं होती

कितनी अजीब हैं मेरे अन्दर की तन्हाई भी
हजारों लोग अपने हैं मगर याद तुम ही आते हो

हीरो बनने के लीये जीगर की जरुरत
पडती है और जब
जीगर हो तो भरी बनघुक
का कया काम ...!!

मेरे attitude पर मत जाना तुम्हारे समझ नही आएगा
दिल से मत समझना वरना दिल ही निकाल जायेगा

तुम्हारे जिस्म की ख़ुश्बू गुलों से आती है,
ख़बर तक तुम्हारी अब दूसरों से आती है..

चाहते तो दोनों बहुत हैं एक दूसरे को मगर
ये हकीक़त मानता वो भी नहीं और मैं भी नहीं

आज फिर बैठा हूँ हिचकियों के इन्तिज़ार में.
देखूं तो सही तुम कब मुझे याद करते हो ।।

रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है
कि लोग अक्सर टूटना पसंद करते है पर झुकना नहीं

खामोश हूँ मै बस तुम्हारी हर खुशी के लिए
पर ये भी ना सोचो कि मेरा दिल दुखता ना होगा

उस शक्श से फ़क़त इतना सा ताल्लुक हैं मेरा
वो परेशान होता है तो मुझे नींद नही आती है