आज ये तन्हाई का एहसास कुछ ज्यादा है; तेरे संग ना होना का मलाल कुछ ज्यादा है; फिर भी काट रहे हैं जिए जाने की सज़ा यही सोचकर; शायद इस ज़िंदगानी में मेरे गुनाह कुछ ज्यादा हैं।

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