आखें मत फाड पगले Dil को आराम दे
मेरे फोटो को इतना मत देख Apni wali पे
घ्यान दे..

दर्द ऐ महोबत तो हमने भी बहुत की,
पर भुल गये थे की HEROIN कभी
VILLAIN की नही होती...!!

इश्क का धंधा ही बंघ कर दिया साहेब
मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल

बस एक ख़्वाहिशें ही तो बस में मेरे,
वरना लकीरों पर मेरा ज़ोर कहाँ ।।

अच्छा हुआ तुम किसी और के हो गए
खत्म हो गई फिकर तुम्हेँ अपना बनाने की

हर एक चेहरा यहाँ पर गुलाल होता है
हमारे शहर मैं पत्थर भी लाल होता है

उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।

काबील नजरो के लीये हम जान दे दे पर
कोई गुरुर से देखे ये हमे मंजुर नही

अंजान तुम बने रहे ये और बात है
ऐसा तो क्या है कि तुमको हमारी खबर नहीं

धडकनों की यही तो खास बात है
भरे बाज़ार में भी किसी एक को सुनाई देती है

लगा के आग दिल में चले हो कहाँ हमदम
अभी तो राख उड़ने पे तमाशा और भी होगा

अब तक याद कर रही हो, पागल हो तुम.
.
उसने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिय

ये मासूमियत का कौन सा अन्दाज़ है,
पर काट कर कह दिया कि,अब तुम आजाद हो।

सर झुकाने से नमाजें अदा नहीं होतीं; दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए।

कुछ सवाल पूछने हैं मुझको ज़िन्दगी
किसी रोज़ तुझसे अदालत में मिलूंगा