खुशियों से नाराज़ है मेरी ज़िन्दगी; बस प्यार की मोहताज़ है मेरी ज़िन्दगी; हँस लेता हूँ लोगों को दिखाने के लिए; वैसे तो दर्द की किताब है मेरी ज़िन्दगी।

ज़िन्दगी पल-पल ढलती है; जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है; शिकवे कितने भी हो हर पल; फिर भी हँसते रहना... क्योंकि ये ज़िन्दगी जैसी भी है; बस एक ही बार मिलती है।

अपनी तो ज़िन्दगी अजीब कहानी है; जिस चीज़ को चाह वो ही बेगानी है; हँसते भी है तो दुनिया को हँसाने के लिए; वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है।

ज़िंदगी जीने को एक यहाँ ख्वाब मिलता है​;​यहाँ हर सवाल ​का झूठा जवाब मिलता है​;​​किसे समझे अपना किसे पराया​;​​यहाँ हर चेहरे पे एक नकाब मिलता है​। ​

दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग;
तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग;
जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन;
तो उसे भी "सूर्य ग्रहण" तक कहते हैं लोग!

अपनी तो ज़िन्दगी है अजीब कहानी है; जिस चीज़ को चाह है वो ही बेगानी है; हँसते भी है तो दुनिया को हँसाने के लिए; वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है।

साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन; तूफ़ान से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है; कहते है कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन; उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।

​​​नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है;​​​​ नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है;​​​​ बुलंदियों पे पहुंचना कोई कमाल नहीं;​​​​ बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।

यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना सभव हो अच्छा करें| इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयेंगी।

दुनियाँ में इतनी रस्में क्यों हैं; प्यार अगर ज़िंदगी है तो इसमें कसमें क्यों हैं; हमें बताता क्यों नहीं ये राज़ कोई; दिल अगर अपना है तो किसी और के बस में क्यों है।

जीवन में आपको जो भी अवसर चाहिए वो आपकी कल्पना में प्रतीक्षा करते हैं कल्पना आपके मस्तिष्क की कार्यशाला है जो आपके मन की उर्जा को सिद्धि और धन में बदल देती है।

जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं; आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं; ज़िंदगी में गम नहीं फिर ज़िंदगी में क्या मजा; सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िंदगी कटती नहीं।

ज़िंदगी एक तीन पेज की पुस्तक की तरह है; पहला और अंतिम पेज भगवान ने लिख दिया है; पहला पेज जन्म और अंतिम पेज मृत्यु; बीच के पेज को भरना है प्यार विश्वास और मुस्कुराहट से।

कोई रूठा हुआ शख्स आज बहुत
याद आया.....
><
एक- गुजरा हुआ वक्त आज बहुत
याद आया.....
><
छुपा लेता था जो मेरे दर्द को सीने
मे अपने.....
><
आज- फिर दर्द हुआ तो वह बहुत
याद आया.....

बच्चा था भूखा और आँखों में अश्क जरुर था​​​​;​​उस फरिश्ते का करिश्मा भी एक फितूर था​​;​गोद में बसी माया ने उस भूख को भुला दिया​​;​​माँ की लोरी के जादू ने उसे फिर से सुला दिया​।