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Taarif Shayari
न हाथ थाम सके न पकड़
न हाथ थाम सके न पकड़
न हाथ थाम सके न पकड़ सके दामन;बहुत ही क़रीब से गुज़र कर बिछड़ गया कोई।
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बहुत कुछ बदला हे मैंने अपने
मोहब्बतमोहब्बत की बस इतनी कहानी है;
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