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Jeoulousy Shayari
बैठूं जैसे बैठे ऊँठ; चलूँ तो
बैठूं जैसे बैठे ऊँठ; चलूँ तो
बैठूं जैसे बैठे ऊँठ; चलूँ तो जैसे चले हिरन; बूझ सको तो जल्दी बूझ; नहीं तो मैं चला तू तारे गिण।
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बड़ा बेसुरा बड़ा कुरूप; काला है
कभी बड़ा हो कभी हो छोटा;
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ऐसा एक अजब खजाना; जिसका मालिक
ऐसा कौन सा कागज़ है जो
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ऐसी कौन सी चीज़ है जो
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