दर्द देती है मुझे हमदर्दी हर शख्स की
मेरी दुनिया उजाड़ी थी एक शख्स ने युहीं दिलासे देकर

मेरे किरदार का फैसला मेरे लफ़्ज़ो से न करना
क्योंकी मैं लिखती वही हूँ जो तुम लिखवाते हो

सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो, मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते...! Er kasz

मैने किस्मत की लकीरों पर यकीन करना छोड़ दिया है
जब इंसान बदल सकते है तो लकीरे क्यों नहीं

किस्मत की किताब तो खूब लिखी थी मेरी खुदा ने
बस वही पन्ना गुम था जिसमे मोहब्बत का ज़िक्र था

वक्त तू कितना भी सता ले मुझे ,
लेकिन याद रख किसी मोड़ पर ,
तुझे भी बदलने पर मजबूर कर दूंगा!! Er kasz

मौहब्बत हो भी जाए तो कभी इज़हार मत करना
ये दुनियां सच्चे जज़्बातों की बड़ी तौहीन करती है

झुकाकर नजर अपनी आपकी गली से गुजर जाते हैं
और आपके प्यार का गम लिए अकेले में मुस्कराते हैं

उसकी जुदाई को लफ़्ज़ों में कैसे बयान करें
वो रहता दिल में धडकता दर्द में और बहता अश्क में

कितने अनमोल होते हैं यह मोहब्बत के रिश्ते भी
ताल्लुक टूट भी जाये पर चाहत कभी कम नहीं होती !!!

शायरियों से बुरा लगे तो बता देना दोस्तों
दर्द बाँटने के लिए लिखता हूँ दर्द देने के लिए नही

कौन कहता है के दिल सिर्फ लफ्ज़ो से दुखाया जाता है..
कभी-कभी ख़ामोशी भी तो बड़ी तकलीफ़ देती है...!!

मेरी आवारगी में कुछ कसूर तुम्हारा भी है
ऐ दोस्त जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नही लगता

मेरा दिल मुझसे कहता है कि वो बापस आयेगी
मैँ दिल से कहता हूँ कि उसने तुझे भी झूठ बोलना सिखा दिया

तुझे क्या पता की मेरे दिल में कितना प्यार हैं तेरे लिए
जो कर दूँ बयाँ तो तुझे नींद से नफरत हो जाए