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Sad Shayari
अब इस से भी बढ़कर गुनाहएआशिकी
अब इस से भी बढ़कर गुनाहएआशिकी
अब इस से भी बढ़कर गुनाह-ए-आशिकी क्या होगा
जब रिहाई का वक्त आया तो पिंजरे से मोहब्बत हो चुकी थी
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