संगे मरमर की तू बात न कर मुझसे..!!
मैं अगर चाहूँ तो एहसास-ऐ-मोहब्बत लिख
दु..!!
ताज महल भी झूक जाएगा चूमने के लिए...!!
में जो एक पथर पे
“Tera Naam " लिखदु....!!

प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता,
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता,
इस फुल को कभी टूटने मत देना,
क्योकि टूटा हुआँ फुल वापीस नहीँ खिलता.

वो सामने थी और हम पलके उठा ना सके;
चाहते थे पर पास उनके जा ना सके;
ना देख ले वो अपनी तस्वीर हमारी आँखों में;
बस यही सोच कर हम उनसे नज़रे मिला ना सके।

जिन्‍दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें हम क्‍या हमसे भी अच्‍छे हजार मिलेगें
इन अच्‍छों की भीड में हमे ना भूला देना हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें

दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग;
तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग;
जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन;
तो उसे भी "सूर्य ग्रहण" तक कहते हैं लोग!

मत मुस्कुराओ इतना की फूलो को खबर लग जाये
हम करें आपकी तारीफ और आपको नजर लग जाये
खुदा करे बहुत लम्बी हो आपकी जिंदगी
और उस पर भी हमारी उम्र लग जाये

दर्द हैं दिल मैं पर इसका ऐहसास नहीं होता
रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता
बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में और वो कहते हैं
कि इस तरह प्यार नहीं होता

आरज़ू होनी चाहिये किसी को याद करने की,
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं ..
कौन पूछता है पिंजरे में बंद पंछियों को,
याद वही आते हैं, जो उड़ जाते हैं ….!

काश पढाई प्यार की तरह होती
पता भी नही चलता और न जाने कब हो जाती
और प्यार पढ़ाई की तरह होता ताकी घर वाले भी बार बार बोलते
कर ले बेटा कर ले आगे काम आएगा

जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ – ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं
क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है
और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है

यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे.,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे.!
पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो क्या ?
वो मुस्कुरा के बोले … पहले तुम्हारे थे क्या .?

लोग हमेंशा मुजसे पुछते है भाई तु कभी भी स्माईल नहि करता क्यों
मै भी ans मे कह देता हू जीस दिन ईस भाई ने स्माईल कर दि ना
उस दिन तेरी वाली भी तुजे भाई हि कहेगी

परिन्दों को नहीं दी जाती तालीम उड़ानों की
वो खुद ही तय करते हैं मंजिल आसमानों की
रखते हैं जो होसला आसमां को छूने का
उनको नहीं होती परवाह गिर जाने की

जिनके दिल पे लगती है चोट वो आँखों से नही रोते
जो अपनो के ना हुए किसी के नही होते
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है
की सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते

हम तो मौजूद थे रात में उजालों की तरह​;
लोग निकले ही नहीं ​ढूंढने वालों की तरह​;
दिल तो क्या हम रूह में भी उतर जाते​;
उस ने चाहा ही नहीं चाहने वालों की तरह​।