कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने,
मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये...!!!
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने,
मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये...!!!
रोशनी में कमी आ जाए तोह बता देना
दिल आज भी हाज़िर हैं जलने के लिये
मेरे दिल से खेल तो रहे हो पर
ज़रा संभल के टूटा हुआ है कहीं लग ना जाए
न देखूँ तो भी बेचैन देख लूँ तो भी बेचैनी
ये तेरा दीदार WhatsApp के blue tick जैसा
जो तालाबों पर चौकीदारी करते हैँ
वो समन्दरों पर राज नहीं कर सकते
थी जिसकी मौहब्बत में मौत भी मंजुर
आज उसकी नफरत ने जिना सिखा दिया
तुम पढते हो इसलिए लिखता हूँ
वरना कलम से अपनी कुछ ख़ास दोस्ती नहीं
छोटी छोटी बातें दिल में रखने से
बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं
खुद ही मुस्कुरा रहे हो साहिब
पागल हो या मोहब्बत की शुरूआत हुई है
नाम से नाम नहीं जुड़ा करते बुद्धु
दिल से दिल जुड़ा करते हैं समझे
फितरत किसी की यूँ न आजमाया कर
हर शख्स अपनी हद में लाजवाब होता हैं
वो मंदिर भी जाता है और मस्जिद भी
परेशान पति का कोई मज़हब नहीं होता
अब उस नासमझ को समझाना छोड़ दिया
अब उसकी नासमझी से भी प्यार हो गया
इतना दर्द तो मरने से भी न होगा
जितना दर्द तेरी ख़ामोशी ने दिया था
ख़ज़ाने में थे सिर्फ़ दो आँसु मेरे
जब याद आयी आपकी तो वो भी लूट गए