नफरतों को जलाओ मोहब्बत की रोशनी होगी
वरना इंसान जब भी जले हैं खाक ही हुये हैं

टूटता हुआ तारा सबकी दुआ पूरी करता है
क्यों के उसे टूटने का दर्द मालूम होता है

मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो
दिल बैचैन हैं बहुत कहीं तुम उदास तो नहीं

मोहब्बत तेरी सूरत से नही तेरे किरदार से हे
शौक ऐ हूस्न होता तो बाजार चले जाते

छोडो न यार क्या रखा है सुनने और सुनाने मे
किसी ने कसर नहीँ छोडी दिल दुखाने मेँ

सुना था दिल समंदर से भी गहरा होता है हैरान हूँ
समाया नही इसमे तेरे सिवा और कोई

छोडो न यार क्या रखा है सुनने और सुनाने मे
किसी ने कसर नहीँ छोडी दिल दुखाने मेँ

तेरी मजबूरियाँ भी होंगी चलो मान लेते है,....
मगर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का...

मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए
वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुये

बुजदिल हें वो लोग जो मोहब्बत नहीं करते,
बहुत हौसला चाहिए बर्बाद होने के लिए ।

मुस्कुराने से भी होता है ग़में-दिल बयां
मुझे रोने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं

मेरी रूह गुलाम हो गई है तेरे इश्क़ में शायद
वरना यूँ छटपटाना मेरी आदत तो ना थी

"मेरा एक हाथ पूरी दुनिया से लडने के लीये काफी है..
एकबार तू दूसरा थामकर तो देख..."

है परेशानियाँ यूँ तो बहुत सी ज़िंदगी में; तेरी मोहब्बत सा मगर कोई तंग नहीं करता।

हम आते हैं महफ़िल में तो सिर्फ एक ही वजह से
यारों को रहे ख़बर कि अभी हम जिंदा हे