तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें देदू
मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते है
तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें देदू
मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते है
दिमाग पर ज़ोर लगाकर गिनते हो गलतियां मेरी
कभी दिल पर हाथ रख के पूछना कसूर किसका है
ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह; तुझे भी बदल देते हैं यह लोग तोड़ने के बाद।
सरकार ढूंढ-ढूढ कर सिर्फ काले धन वालो को ही पकड़ रही है
काले मन वाले निश्चिन्त रहें
छुपे हैं लाख हक़ के मरहले गुम-नाम होंटों पर; उसी की बात चल जाती है जिस का नाम चलता है।
हजारो हसिनाये आऐगी और हजारो जाऐगी
पर इस बादशाह के दिल की रानी तू है और तू ही रहेगी
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना
हम ‘जान’ दे देते हैं मगर जाने नहीं देते
अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की
तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं
जीत गया तू मैं आखिर हार गई
कई रुख धारें मोडीं ह्रदय में प्रेम की नदिया आखिर सूख गई
अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की
तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं
जरा देखो तो ये दरवाजे पर दस्तक किसने दी है
अगर इश्क हो तो कहना अब दिल यहाँ नही रहता
ऐ इश्क़ दिल की बात कहूँ तो बुरा तो नहीं मानोगे
बड़ी राहत के दिन थे तेरी पहचान से पहले
मेरी हँसी में भी कई ग़म छुपे हैं डरता हूँ
बताने से कहीं सबका प्यार से भरोसा न उठ जाए
ऐ इश्क़ दिल की बात कहूँ तो बुरा तो नहीं मानोगे
बड़ी राहत के दिन थे तेरी पहचान से पहले
पत्थर तो बहुत मारे थे लोगोंने मुझे
लेकिन जो दिल पर आ के लगा वो किसी अपने ने मारा था