खो जाओ मुझ में तो मालूम हो कि दर्द क्या है
ये वो किस्सा है जो जुबान से बयाँ नही होता
खो जाओ मुझ में तो मालूम हो कि दर्द क्या है
ये वो किस्सा है जो जुबान से बयाँ नही होता
खेलने दो उन्हे जब तक जी न भर जाए उनका
मोहब्बत चार दिन कि थी तो शौक कितने दिन का होगा
इश्क के रिश्ते भी बड़े नाजुक होते है दोस्तो,
रात को नम्बर बिजी आने पर भी टूट जाते है..
तेरे दीदार की तलाश में आते है तेरी गलियों में ...
वरना आवारगी के लिए पूरा शहर पड़ा हे ।
बुजदील हम नही जो पीछे से वार करते है
अरे हम तो वो है जो शेर को भी जगा कर शिकार करते है
इतिहास में जाके सुन लेना हमारी कहानी
खून बहाया इतना नही था जितना नदियों में पानी
वो ढूँढ रहे थे हमसे दूर जाने के बहाने..
मेने सोच खफा होके उनकी मुश्किले आसान कर दूँ..
इन्हीं रास्तों ने जिन पर मेरे साथ तुम चले थे; मुझे रोक रोक पूछा तेरा हम-सफ़र कहाँ है।
कुछ इस कदर बुनेंगे अपनी तकदीर के धागे
कि अच्छे-अच्छों को भी झुकना पङेगा हमारे आगे
मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर..
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं…
आज उसने एक और दर्द दिया तो खुदा याद आया; कि हमने भी दुआओं में उसके सारे दर्द माँगे थे।
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग
एक आरज़ू थी तेरे साथ जिंदगी गुजारने की
पर तेरी तरह मेरी तो ख्वाहिशे भी बेवफा निकली
हँसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी, पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता...
मेरी कहानी खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो की
लोग रोने लगे मेरे लिए तालियाँ बजाते बजाते