दूर हो जाऊं तो जरा इंतज़ार करना; अपने दिल में इतना तो ऐतबार करना; लौट के आयेंगे हम अगर कहीं चले भी गए तो; आप बस हमसे ये दोस्ती बरकरार रखना!
दूर हो जाऊं तो जरा इंतज़ार करना; अपने दिल में इतना तो ऐतबार करना; लौट के आयेंगे हम अगर कहीं चले भी गए तो; आप बस हमसे ये दोस्ती बरकरार रखना!
आपने अपनी आंखो में नूर छुपा रखा है
होश वालों को दीवाना बना रखा है
नाज कैसे ना करूं आपकी दोस्ती पर
मुझ जैसे नाचीज को खास बना रखा है
दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तेफाक है ! ये तो दिलो की मुलाक़ात है ! दोस्ती नहीं देखती की ये दिन है की रात है ! ऐसे में तो सिर्फ वफादारी और जज़्बात है !
तुम हंसो तो ख़ुशी मुझे होती है; तुम रूठों तो आँखें मेरी रोती हैं; तुम दूर जाओ तो बेचैनी मुझे होती है; महसूस करके देखो दोस्ती ऐसी होती है।
आसमान को नींद आये तो सुलाऊं कहाँ; धरती को मौत आये तो दफ्नाऊं कहाँ; सागर में लहर उठे तो छुपाऊं कहाँ; आप जैसे दोस्त की याद आये तो जाऊं कहाँ।
खुदा का दिया हुआ नूर हो तुम
फरिस्तो से पाया हुआ हूर हो तुम
रब करे किसी की नज़र ना लगे तुम्हे
इस दुनिया मे सबसे खूबसूरत ज़रूर हो तुम
हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे
थाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे
हम दोस्ती करते हैं पानी और मछली की तरह
जुदा करना चाहे कोई तो हम दम तोड़ देंगे
तुमसे क्या शिकवा ए दोस्त बेवफाई का जब मुझसे मेरा नसीब ही रूठ गया
सच तो ये है दोस्त मैं तो वो खिलौना हूँ जो बदनसीब खेल ही खेल में टूट गया
वो एक दोस्त जो खुदा सा लगता है; बहुत पास है दिल के फिर भी जुदा सा लगता है; बहुत दिनों से आया नहीं पैगाम उसका; शायद किसी बात पर खफ़ा सा लगता है।
वक्त के पन्ने पलटकर
फ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है
कभी मुशाकराते थे सभी दोस्त मिलकर
अब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है
आना हमारा किसी को गवारा ना हुआ; हर मुसाफिर ज़िंदगी का सहारा ना हुआ; मिलते हैं बहुत लोग इस तन्हा ज़िंदगी में; पर हर दोस्त आप सा प्यारा ना हुआ।
दोस्तों के लिए समर्पित: होगे तुम किसी के जानु बेबी स्वीटहार्ट शोना पोचु और सबकुछ; . .. ... हमारे लिए तो तुम कुत्ते थे कमीने हो और हराम खोर रहोगे!
सहमी-सहमी निगाहों में ख्वाब हम जगा देगे
सुनी-सुनी राहों पे फूल हम खिला देंगे
आप हमारे संग मुस्कुराकर तो देखो
आपका हर गम चुरा लेंगे
अच्छे दोस्त सफ़ेद रंग जैसे होते हैं सफ़ेद में कोई भी रंग मिलाओ तो नया रंग बन सकता है पर दुनिया के सारे रंग मिलाकर भी सफ़ेद रंग नहीं बना सकते।
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है