ऐसे जख्मों का क्या करे कोई
जिन्हें मरहम से आग लग जाए
ऐसे जख्मों का क्या करे कोई
जिन्हें मरहम से आग लग जाए
मै उन्हे बदला हुआ दिखता हुँ.....
कभी वो खुद को भी तो देखे ......
जलने लगा है जमाना सारा
क्योंकी चलने लगा है नाम हमारा
जलने लगा है जमाना सारा
क्योंकी चलने लगा है नाम हमारा
हमने समंदर पे राझ किया है
ईसि लिए लोग सङको पे महफुज है
"लफ्ज् दिल से निकलते हैं
दिमाग से तो मतलब निकलते है."..
बुरा हमेशा वही बनता हे
जो अच्छा बनके टूट चूका होता हे.
ख़ामोशी बहुत कुछ कहती हे
कान लगाकर नहीं दिल लगाकर सुनो
कुछ तकलीफे ऐसी होती है
जिसके जिम्मेदार हम खुद होते है
शौक था अपना-अपना..
किसी ने इश्क किया,
तो कोई जिंदा रहा…
कोई ऐसी सुबह भी मिले मुझे
के मेरी आँख खुले तेरी आवाज से