धुँए की तरह उड़ना सीखो
जलना तो लोग भी सीख गये हैं
बहुत सोचा तुम्हे कई बार
सवाल बहुत उलझा हुआ हो तुम
नसीहतें अच्छी देती है दुनिया
अगर दर्द किसी और का हो
कितने बेबस हैं तेरी चाहत में
तुझे खो कर भी अब तक तेरे हैं
लो जिन्दगी के साथ दो-दो हाथ करके
एक ओर नया दिन पा लिया हमने
हर सजा कबूल की सर झूका के हमने
कसूर बस ये था की बेक़सूर थे हम
कैसे फलेगी ये गूंगी मुहोब्बत
न हम बोलते हैं ना वो बोलते है
वो अजनबी फिर से ख़ास हो रहा है,
लगता है फिर से प्यार हो रहा है..!!
वो अच्छे हैं तो होंगे औरो के लिए
हमारा तो बुरा हाल कर रखा है
मैं तो हर पल खुसी देता हूँ तुम्हें
तुम ये गम लाते कहाँ से हो
सेल्फी तो मिनटों में बनती है
वक्त तो image बनाने में लगता है
Er kasz
मेरा रब भी रूठा है मुझसे शायद
मैं तुझे मांगू भी तो किससे
Er kasz