देखकर तुमको अकसर हमें एहसास होता है.
कभी कभी ग़म देने वाला भी कितना ख़ास होता है
देखकर तुमको अकसर हमें एहसास होता है.
कभी कभी ग़म देने वाला भी कितना ख़ास होता है
तेरे ज़िक्र भर से हो जाती है मुलाक़ात जैसे
तेरे नाम से भी इस क़दर इश्क़ है मुझ को
कुछ इस तरह हमने जिन्दगी को आसान कर लिया
किसी से माफ़ी मांग ली किसी को माफ़ कर दिया।
मैं तुझे चाँद कह दूं ये मुमकिन तो है मगर
लोग तुझे रात भर देखें ये गवारा नहीं मुझे
जुदा होने का शौक भी पूरा कर लेना मेरे हमदम
लगता है तुझे हम जिंदा अच्छे नहीँ लगते
वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सकी
जाने क्यूँ मैंने उसके लिए अपनी जिंदगी बदल डाली
अब तो रहम कर हालात बदल ऐ ज़िंदगी
गये वो ज़माने जब किसी को तेरी ज़रूरत हुआ करती थी
हमने खुद में पिरोया है तुम्हे एक ताबीज की तरह
अगर हम टूट गये तो बिखर तुम भी जाओगे
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के,
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया.
मत पूछ कैसे गुजरे दिन, कैसी बीती रातें
बहुत तनहा जिये हैं हम तुझसे बिछड़ने के बाद..
किसी टूटे हुए मकान की तरह हो गया है ये दिल...
कोई रहता भी नही और कमबख्त बिकता भी नही...!
बहुत है मेरे मरने पर रोने वाले मगर
तलाश उसकी है जो मेरे रोने पर मरने की बात कह दे।
सफ़ेद लिबास उसे बहूत पसंद था
साहेब पर जब आज मै कफन मे लिपटा हूँ तो वो रोता क्यूँ है
कुछ तो खास है जो तुझको मुझसे जोड़े रखता है
वरना इतना माफ तो मैंने खुद को भी न किया
जुदा हो के भी जी रहें हैं दोनों मुद्दत से
कभी दोनों ही कहते थे के ऐसा हो नहीं सकता