रोशनी में कमी आ जाए तोह बता देना
दिल आज भी हाज़िर हैं जलने के लिये
er kasz

हो सके तो अब कोई सौदा न करना
मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ
er kasz

मुझे जो पसंद हो उसे छोड़ता नहीं
पर डरो नहीं फूलों को मै तोड़ता नहीं

तुम्हारे बाद जो होगी वो दिल्लगी होगी
महोबत तो तुम पे ख़तम कर बेठे है

जिनका मिलना नहीं होता किस्मत में
उनकी यादें कसम से कमाल की होती है

ढूंढने पर वही मिलेंगे जो खो गए हैं
वो कभी नहीं मिलेंगे जो बदल गए हैं

बदनसीबी का मे क़ायल तो नही था
लेकिन मैने बरसात मे जलते हुए घर देखे थे

दिन भर तो गुम रहा दिल तेरे ख्यालों में
रात हुई तो उलझ गया सवालों में

हसरत तो थी कि तेरी आँख का आसूँ बन जाऊं
पर तू रोये ये मुझे गँवारा नहीं

भले थे तो किसी ने हाल त़क नहीं पूछा
बुरे बनते ही हर तरफ अपने चरचे हैं

वो इस कमाल से खेले थे इश्क की बाजी
मैं अपनी फतह समझता रहा मात होने तक

मत पूछ दास्तान ऐ इश्क
जो रूलाता है, उसी के गले लगकर रोने का मन करता है

मेरे दिल के अहसासो को समझा न कोई ...हर एक ने मेरे दर्द का तमाशा बना दिया...Er kasz

कभी फुरसत में खुद से मिलेंगे....
लोगों से सुना है कि ....
बहुत बुरे है हम.....

चलो पूरी कायनात का बँटवारा करते है
तुम सिर्फ मेरे बाकी सब तुम्हारा