कभी लिखूंगा खुद को भी
जब तुम्हे फुर्सत होगी मुझे पढ़ने की

भरोसा जितना कीमती होता है...
धोखा उतना ही महंगा हो जाता है...Er kasz

लोटा दे राजा मेरी नींद चैन
कटती नहीं तेरे बिना ये काली रैन

कुछ भी कहो
चेहरे देखकर मोहब्बत की शुरुवात आज भी नहीं बदली

जिन्दगी गम के सहारों में खो गई
नजर ढूंढती है मगर तू है कहाँ

मै भी कभी हँसता खेलता था
कल एक पुरानी तस्वीर मे देखा खुद को

और भी बनती लकीरें दर्द की
शुक्र है खुदा तेरा जो हाथ छोटे दिए

बडी देर करदी मेरा दिल तोडने मे
न जाने कितने शायर आगे चले गये

हुनर सड़कों पर तमाशे करता है.
और किस्मत महलो में राज करती है

बैठी हूं बाग में मिलना न समझना
इतनी भरी चिटठी को खाली न समझना

तू किसी बागवा के गुलशन का फूल है
तू चाहे जो फूल हो मुझे कबूल है

रुक गयी आज ये कहकर, कलम मेरी,
एहसास कीमती हैं, ज़रा कम खर्च करो!!Er kasz

इधर आओ जी भर के हुनर आज़माएं
तुम तीर आज़माओ हम ज़िग़र आज़माएं

मैं कोई छोटी सी कहानी नहीं था
बस पन्ने ही जल्दी पलट दिए तुम नें

माना कि जीत की आदत है मग़र
रिश्तों में हार जाना बेहतर होता है
er kasz