पास आकर सभी दूर चले जाते हैं; अकेले थे हम अकेले ही रह जाते हैं; इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे; मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं!

हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है! हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है! सब कुछ है यहाँ बस तू नही! इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है!

कौन कहता है कि सिर्फ मोहब्बत में ही
दर्द होता है, कमबख्त....
पेन्ट की चेन मे पपुडी आ जाये
तो भी जान निकल जाती है....
😂😂😝😝😜

सड़क पर बारात चल रही हो और सामने से बस आ जाये तो
बारात में से 15 लोग तुरुन्त ट्रैफिक पुलिस के हवलदार की भूमिका में आ जाते हैं

हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे; वो भी पल पल हमें आजमाते रहे; जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया; हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।

रानी की ख्वाइश पूरी करने की भी बादशाह की एक हद होती है
अपनी रानी पर सबकुछ लूटा दे तो वो बादशाह नहीं बेगम का गुलाम कहलाता है

हमे क्या पता था की मोहब्बत की राहों में गम ही गम मिलते हैं
ऐ सनम अगर हमे पता होता तो हम यु अपनी ज़िन्दगी तुम्हारे नाम न करते

कहते है ऊपर वाले ने हर किसी
के लिए किसी न किसी को बनाया है..
कही मेरे वाली ने आत्महत्या तो
नहीं करली…” “
मिलही नहीं रही...

बिन बात के ही रूठने की आदत है; किसी अपने का साथ पाने की चाहत है; आप खुश रहें मेरा क्या है; मैं तो आइना हूँ मुझे तो टूटने की आदत है।

दुःख देते हो खुद और खुद ही सवाल करते हो; तुम भी ओ सनम कमाल करते हो; देख कर पूछ लिया है हाल मेरा; चलो शुक्र है कुछ तो ख्याल करते हो।

रुला गया वो हमको एकेला छोडकर,
चला गया वो हमसे मुँह मोडकर,
हम तो जी लेँगे उसके बिना,
मगर वो भी खुश नही होगा हमारा दिल तोड कर

यह माना कुछ चीज़ें तुम से भी ज्यादा जरुरी थीं तुम से भी ज्यादा ज़रुरी हैं
फिर भी न जाने क्यों तुम्हारी ज़रुरत कम नहीं होती

चीज़ बेवफ़ाई से बढ़कर क्या होगी; ग़म-ए-हालात जुदाई से बढ़कर क्या होगी; जिसे देनी हो सज़ा उम्र भर के लिए; सज़ा तन्हाई से बढ़कर क्या होगी।

ज़रा सी ज़िंदगी है अरमान बहुत हैं; हमदर्द नहीं कोई इंसान बहुत हैं; दिल के दर्द सुनाएं तो किसको; जो दिल के करीब है वो अनजान बहुत है!

वक्त नूर को बेनूर कर देता है; छोटे से जख्म को नासूर कर देता है; कौन चाहता है अपनों से दूर होना; लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है।