अगर मालूम होता की इतना तड़पाता है इश्क,
तो दिल जोड़ने से पहले हाथ जोड़ लेते।
अगर मालूम होता की इतना तड़पाता है इश्क,
तो दिल जोड़ने से पहले हाथ जोड़ लेते।
ख़ुदा तूने तो लाखों की तकदीर संवारी है...
मुझे दिलासा तो दे, के अब मेरी बारी है...!
मेरे चेहरे से जो जाहिर है जरा पढके बता
सुना है मेरे दोस्त तू पढा लिखा बहुत है
वो मैय्यत पे आए मेरी,और झुक के कान में बोले,
सच में मर गए हो या,कोई नया तमाशा है...!!
हमने तेरे बाद न रखी किसी से मोहब्बत की आस
एक शक्स ही बहुत था जो सब कुछ सिखा गया
सुना है की समन्दर को बहुत गुमान आया है,,.
उधर ही ले चलो कश्ती जिधर तूफ़ान आया है.,.!!!
ख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है; तड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है।
आग लगना मेरी फितरत में नही
पर लोग मेरी सादगी से ही जल जाये उस में मेरा कया कसूर
कौन कहता है की वो मुझे बिछड़ कर खुश है
बस एक बार उसके सामने मेरा नाम लेकर तो देखो
चुप चाप चल रहे थे अपनी मंज़िल की और
फिर ठेके पर नज़र पड़ी और गुमराह से हो गये हम
लौट आती है बेअसर मेरी माँगी हुई हर दुआ...
जाने कौन से आसमान पर मेरा खुदा रहता है।
देखना एक दिन मैं बदल जाऊंगा पूरी तरह
तुम्हारे लिए न सही तुम्हारी वजह से यकीनन
किसी रोज़ रोशन मेरी भी ज़िंदगी होगी
इंतेज़ार सुबह का नही किसी के लौट आने का है
मत सोना किसी के गोद में सर रखकर,
जब वो छोङता है तो रेशम के तकिय पर भी नीदं नही आती...
भीड़ इतनी तो ना थी शहर के बाज़ारों में
खोने वालें ने कुछ देर तो ढूँढा होता मुझे