वो पूछते हैं क्या नाम है मेरा
मैंने कहा बस "अपना" कहकर पुकार लो
वो पूछते हैं क्या नाम है मेरा
मैंने कहा बस "अपना" कहकर पुकार लो
ना वो मिलती है, ना मैं रुकता हूँ;
पता नहीं रास्ता गलत है, या मंजिल!
नहीं मिलेगा कोई तुझे हम जैसा
जा इजाज़त है तुझे ज़माना आज़मा ले
लो खरीद लो मुझे एक नज़र के मोल; अपनी कीमत मेँ मैं रियायत कर रहा हूँ।
आज कल अपना लास्ट सीन तक छुपा लेते हे लोग
दिल क्या ख़ाक दिखायेंगे
फरियाद कर रही है तरसी हुई निगाह
किसी को देखे हुये अरसा हो गया है
हर रोज हर वक़्त तेरा ही ख्याल
ना जाने किस कर्ज की क़िस्त हो तुम।
तमाम उम्र चले उनके साथ हमसफर बनकर
फिर भी हर मोड़ पर एक फासला रहा
सबको मालुम है की जिंदगी बेहाल है
फिर भी लोग पूछते है क्या हाल है
बड़ा अजीब होता है मोहब्बत का खेल
एक थक जाये तो दोनों हार जाते हैं
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने,
मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये...!!!
रोशनी में कमी आ जाए तोह बता देना
दिल आज भी हाज़िर हैं जलने के लिये
मशवरा दे रहे हो इश्क़ का....
जनाब लगता है...
दिल अभी तक सलामत है आपका ....
वो पूछते हैं क्या नाम है मेरा…
मैंने कहा बस अपना कहकर पुकार लो…!
मेरे दिल से खेल तो रहे हो पर
ज़रा संभल के टूटा हुआ है कहीं लग ना जाए