ज़िन्दगी का ये हूनर भी आज़माना चाहीए
जंग अगर दोस्तों से हो हार जाना चाहीए

सारे दुःखों को भुलाकर मुस्कुराया तेरे लिए,
अब तू बता तू कभी रोयी मेरे लिए।

मत पूछ की मेँ शब्द कहां से ला रहा हूँ तेरी यादो का खजाना हैँ लुटाए जा रहा हूँ….

इतनी लंबी उम्र मत माँग मेरे लिए,
ऐसा ना हो कि तू भी छोड दो और मेरी मौत भी ना आऐ..

मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी
अगर हमें बिकना ही होता तो आज यूँ तनहा न होते

खुद ही रोये ओर रौकर चुप हो गये....!!
ये सौच कर कि आज कौई अपना होता तो रोने ना दैता....!!

तलाश में बीत गई सारी ज़िन्दगी ए दिल
अब समझा कि खुद से बड़ा कोई हमसफ़र नहीं होता

यह न पूछ कि शिकायतें कितनी हैं तुझ से
यह बता कि तेरा कोई और सितम बाकी तो नहीं

कभी यूँ भी हो कि बाज़ी पलट जाए सारी;
उसे याद सताए मेरी और मैं सुकून से सो जाऊं।

मेरे पास से गुज़र गए मेरा हाल तक ना पूछा
मैं ये कैसे मान जाऊँ वो दूर जा के रोए

ऐ खुदा रास्ते थोड़े आसान कर देना
साथ देने वाले
मेरे दोस्त बिछड़ने लगे है..

लगी प्यास गज़ब कि थी ओर पानी मे भी ज़हर था
पीते तो मर जाते ओर न पीते तो भी मर जाते

मेरे घर से मयखाना इतना करीब न था
ऐ दोस्त कुछ लोग दूर हुए तो मयखाना करीब आ गया....

रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा
की ये तेरीे आँखे मेरे एक झलक को तरसेंगी

नाकामयाब मोहब्बत ही सच्ची होती है
कामयाब होने के बाद मोहब्बत नहीं बचती
G.R..s