माना की मरने वालों को भुला देतें है सभी..
मुझ जिंदा को भूलकर तूने कहावतें बदल दी..

​अब मौत से कह दो कि हम से नाराज़गी खत्म कर ले;
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे​।

तुझे चाहने का जुर्म ही तो किया था मैने ऐ बेवफा,
तूने तो पल पल मरने की ही सजा दे दी ॥

मेरी आँखों को सुर्ख़ देख कर कहते है लोग
लगता है…तेरा प्यार तुझे आज़माता बहुत ह

ड़ी तब्दीलियां लाया हूँ अपने आप में लेकिन,
बस तुमको याद करने की वो आदत अब भी है।।

छोड़ ये बात कि मिले ये ज़ख़्म कहाँ से मुझ को, ज़िन्दगी बस तू इतना बता कितना सफर बाकि है !

तेरे लिए कभी इस दिल ने बूरा नहीं चाहा
ये और बात हैं के मुझे ये साबित करना नहीं आया

मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं

मुश्किलें वो चीज़े होती है. जो हमें तब दिखती है जब हमारा ध्यान लक्ष्य पर नहीं होता..

मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ
वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए

बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ अपने आप में लेकिन,
बस तुमको याद करने की वो आदत अब भी है।।

किसी भी मोड़ पर अगर हम बुरे लगें
तो ज़माने को बताने से पहले एक बार हमें जरुर बता देना

तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना
हम जान तो दे देते हैं मगर जाने नहीं देते

सोना किसी के गोद में सर रखकर कभी… !!!!
जब वो छोङता है तो रेशम के तकिय पर भी नीदं नही आती

यहाँ जीना है तो नींद में भी पैर हिलाते रहिये
वरना दफ़न कर देगा ये शहर मुर्दा समझ कर