न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से
के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी
G.R..s
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से
के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी
G.R..s
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर ,
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है…
तस्वीर बना कर आपकी आसमान में टांग आई हूँ
और लोग पूछ रहे हे की आज ये चाँद बेदाग़ कैसे...
मैंने ज़िन्दगी से कुछ नहीं माँगा तेरे सिवा
और ज़िन्दगी ने मुझे सब कुछ दिया तेरे सिवा
मैँ कैसा हूँ’ ये कोई नहीँ जानता,
मै कैसा नहीँ हूँ’
ये तो शहर का हर शख्स बता सकता है…
बादलों से कह दो अब इतना भी ना
बरसे....
अगर मुझे उनकी याद आ गई तो मुकाबला बराबरी का होगा
जितना चाहे रूला ले मुझको तूँ ऐ जिन्दगी
हंसकर गुजार दूँगा तुझकोये मेरी भी जिद्द है…
तुम से मुमकिन हो तो फिर रोक दो सांसें मेरी
दिल जो धड्केगा तो फिर याद तो तुम आओगे ही
G.R..s
उम्र और ज़िन्दगी में फर्क बस इतना
जो तेरे बिन बीति वो उम्र जो तेरे साथ बीति वो ज़िन्दगी
कद्र होती है इन्सान कि जरुरत पडने पर ही
बिना जरुरत तो हीरे भी तिजोरी में रखे रहते हैं
बहुत ख़ास थे कभी नजरो में किसी के हम भी,
मगर नज़रो के तकाज़े बदलने में देर कहाँ लगती है.
एक नई App आई है... एक घंटा मोबाइल नही छुओ तो, मोबाइल से आवाज आती है, "मालिक, जिन्दा हो या चल बसे।"
काश ! वो सुबह नींद से जागे तो मुझसे लड़ने आए, कि तुम होते कौन हो मेरे ख़्वाबों में आने वाले
जो लोग दूसरों की आँखों में आंसू भरते हैं..
वो क्यों भूल जाते है कि उनके पास भी दो आँखे है ..
जिन्हेँ गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते है.. मैँने झुठोँ कोअक्सर मुस्कुराते हुए देखा है.