ऊपर वाले ने मेरे सर पे अपना साया रखदिया
जमीन के सारे खुदाओं से मैने दुश्मनी ले ली है
G.R..s

मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है
जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता

हम तो बातो बातो में दिल की बात कह जाते हैं
और कई लोग गीता पर हाथ रख कर भी सच नहीं कह पाते है

गिले-सिकवे में उलझ कर रह गयी मौहब्बत अपनी
समझ मे नही आता मौहब्बत चल रही थी या कोई मुकदमा

मेै अपनो से ज्यादा मेरे सपनो को प्यार करती हुं
सच तो नही होते पर कभी पर धोखा भी नहीं देते

जिन्दगी भर कोई साथ नहीं देता यह जान लिया हमने
लोग तो तब याद करते हैं जुब वह खुद अकेले हों..

जो तु कर ले वादा मेरी ख़ामोशी को पढ़ने का
खिलौने की तरह बेआवाज़ होने को तैयार हूँ मैं
G.R..s

चली जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे
इतनी चाहत के बाद जो मेरी ना हुई वो किसी ओर कि क्या होगी

वेसे दुश्मनी तो हम चिटी से भी नही करते,
लेकिन बीच मे आया तो शेर को भी नहीं
छोडते……………

बिछड़ के वो रोज मिलती है मुझ से ख्वाब में दोस्तों
अगर ये नींद ना होती तो में मर गया होता
G.R..s

हमें पता था तेरी फितरत में है दगावाजी
हमने तो मौहब्बत ईसलिए कि थी शायद तेरी सोच बदल जाये

वो किसी के खातिर हमे भूल भी गये तो
कोई बात नही,
ह.म भी तो भूल गये थे सारा जहां उनके
खातिर,!

सूरत नहीं देखी तेरी अरसे से
बस वो आखिरी बार का मुस्कुरा के मिलना आज भी जीने की वजह है मेरी

ये इशक करना छोड दिया यारो
वरना हम तो आज भी पलट के देख ले तो लडकियाँ सोमवार के व्रत शुरू कर द

उसको रब से इतनी बार माँगा है की
अब हम सिर्फ हाथ उठाते है तो सवाल फ़रिश्ते खुद ही लिख लेते है