कैसे ये कह दूं की "तुमसे मोहब्बत नहीं"
मुँह से निकला झूठ "आँखों से पकड़ा जायेगा"
कैसे ये कह दूं की "तुमसे मोहब्बत नहीं"
मुँह से निकला झूठ "आँखों से पकड़ा जायेगा"
मोहब्बत जीत जाएगी अगर तुम मान जाओ तो
मेरे दिल मैं तुम ही तुम हो अगर तुम जान जाओ तो
लोगों ने रोज़ कुछ नया मांगा खुदा से
एक हम ही थे जो बस तेरे ख्यालों से आगे नहीं गये
मोहब्बत जीत जाएगी अगर तुम मान जाओ तो
मेरे दिल मैं तुम ही तुम हो अगर तुम जान जाओ तो
ये तो शौक है मेरा दर्द लफ्जो मे बयां करने का
नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी
फिर क्यों उसे चाँद और मुझे आवारा कहते हैं लोग
मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो
दोस्तो..!!
रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे..!!
इश्क करने से पहले इश्क़ के अंजाम देख लो
फिर भी समझ ना आये तो गजनी और तेरे नाम देख लो
सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा
जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है
जा रहा हूं दुनिया से तो कुछ लिख कर
जाते है
.
अपनी हथेली पर माँ लिख कर कब्र में सो
हौसला बढता है हमारा दुश्मनो की तादाद देखकर
ताकत कम न होगी हमारी उनकी औकात देखकर
हम तो। बातो बातो में सच कह जाते है और
कुछ लोग तो गीता पे हाथ रख के भी सच नहीं कह पाते
न जाने क्योेें कोसते हैं लोग बदसूरती को
बर्बाद तो अक्कर हसीन चहरे किया करते हैं
हद से बढ चुका है आपका नजर-अंदाज करना,,
ऐसा सलूक ना करो के हम भूलने पर मजबूर
हो जाए...!!
कितनी फिकर है क़ुदरत को मेरे तन्हाई की,
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिये..