गम ने हसने न दिया ज़माने ने रोने न दिया
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया
थक के जब सितारों से पनाह ली
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!
गम ने हसने न दिया ज़माने ने रोने न दिया
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया
थक के जब सितारों से पनाह ली
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!
दिल मेरा जो अगर रोया न होता; हमने भी आँखों को भिगोया न होता; दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को; ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता।
तेरी याद में ज़रा आँखें भिगो लूँ; उदास रात की तन्हाई में सो लूँ; अकेले ग़म का बोझ अब संभलता नहीं; अगर तू मिल जाये तो तुझसे लिपट कर रो लूँ।
कब ख्याल उनका दिल में नहीं होता
कब दर्द दिल से जुदा नहीं होता
कुछ तो मजबूरिया रही होगी उनकी भी
भला यू ही तो कोई बेवफा नहीं होता
ना ये महफिल अजीब है ना ये मंजर अजीब है; जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है; ना डूबने देता है ना उबरने देता है; उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है।
जिंदगी भर दर्द से जीते रहे
दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे
कई बार सोंचा कह दू हाल-ए-दिल उससे
पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे
पत्थर से प्यार किया नादान थे हम
गलती हुई क्यों की इंसान थे हम
आज जिन्हे नज़रे मिलाने में तकलीफ होती है.
कभी उसी शख्स की जान थे हम.
पा लिया था दुनिया की सबसे हसीन को; इस बात का तो हमें कभी गुरूर न था; वो रह पाते पास कुछ दिन और हमारे; शायद यह हमारे नसीब को मंज़ूर नहीं था।
पा लिया था दुनिया की सबसे हसीन को; इस बात का तो हमें कभी गुरूर न था; वो रह पाते पास कुछ दिन और हमारे; शायद यह हमारे नसीब को मंज़ूर नहीं था।
पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम गलती हुई क्योकि इंशान थे हम
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं कभी उसी सक्स की जान थे हम
पी है शराब हर गली की दुकान से
दोस्ती सी हो गयी है शराब की जाम से
गुज़रे है हम कुछ ऐसे मुकाम से
की आँखें भर आती है मोहब्बत के नाम से
दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते! गम के आंसू न बहते तो और क्या करते! उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ! हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!
गुलाब तो टूट कर बिखर जाता है; पर खुशबु हवा में बरकरार रहती है; जाने वाले तो छोड़ के चले जाते हैं; पर एहसास तो दिलों में बरकरार रहते हैं।
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं! हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ! कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब! मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं!
नशे में भी तेरा ही नाम लबों पर आता है; चलते हुए मेरे पाँव लड़खड़ाते हैं; एक टीस सी उठती है दिल में मेरे; जब भी तेरा दिया हुआ दर्द याद आता है।