अब सीख गये हैं हुनर हम तो ग़म छुपाने का,
रो लेते हैं इस तरह कि; आँखें नम नहीं होतीं.!!
अब सीख गये हैं हुनर हम तो ग़म छुपाने का,
रो लेते हैं इस तरह कि; आँखें नम नहीं होतीं.!!
साथ जब भी छोड़ना तो मुस्कुरा कर छोड़ना
ताकि दुनिया ये ना समझे हम में दूरी हो गई
तेरी खुशी की खातिर मैंने कितने गम छिपाए
अगर मै हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता
आज दिल बहुत रो रहा है तेरे बिना
अब तो मुड के देख क्या हो गई हैं जिन्दगी तेरे बिना
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग
हँस कर कुबूल क्या कर ली हर सजा हमने
दस्तूर बना लिया दुनिया ने भी इल्जाम लगाने का.
मुझे अपने दिल की औकात तो नहीं मालूम
मगर जहां तुम समाये हो वो दिल कोई आम नहीं होगा
मोहब्बत जीत जाएगी अगर तुम मान जाओ तो
मेरे दिल मैं तुम ही तुम हो अगर तुम जान जाओ तो
मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं
मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो
दोस्तो..!!
रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे..!!
छोड़ने वालों को छोड़ने का बहाना चाहिए
वर्ना निभाने वाले तो शमशान तक निभाते हैं
हमें भी याद रखें जब लिखें तारीख गुलशन की; कि हमने भी लुटाया है चमन में आशियां अपना।
Photo खींचने का शौख नही है मुजे पर क्या करु
मेरी परी को मेरा Photo देखें बीना नींद नहीं आती
मत पूछ ईमानदारी का हाल इस दुनिया में ऐ ग़ालिब
ईमान बेचकर ईमानदार बनते है लोग यहाँ
रातों को आवारगी की आदत तो हम दोनों में थी
अफ़सोस चाँद को ग्रहण और मुझे इश्क हो गया