दिल्लगी कर जिंदगी से दिल लगा के चल
जिंदगी है थोड़ी थोडा मुस्कुरा के चल
दिल्लगी कर जिंदगी से दिल लगा के चल
जिंदगी है थोड़ी थोडा मुस्कुरा के चल
नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना
जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी
हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते
मै जिसकी आंख का काजल बना रहा वर्षो
वो बुंद-बुंद कर ज़मी पर गिरा रहा है मुझ
कोई नहीं करता अब इम्दाद मेरे दिल की; दुश्मन तो दुश्मन अपने भी तड़पाते हैं।
आँखों से पानी गिरता है तो गिरने दीजिये
कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी
तुमने तो कहा था मुझे हर पल याद करोगे.,
फिर मेरी हिचकियां बंध क्यूँ हो गयी.!!
दूर गगन में उड़कर भी..लौट आते हैं..!
परिंदे इन्सान की तरह बेपरवाह नही होते...
ख्वाब आँखों से गये नींद रातों से गयी
तुम गये तो लगा जिन्दगी हाथों से गयी
ना इश्क़ है तुझसे ना तेरी चाहत है
बस तेरे आस-पास होने से एक सुकून मिलता है
वो जो औरों को बताता है जीने के तरीके ,
खुद मुट्ठी में मेरी जान लिए फिरता है .
उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था
भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं लगती
वो तो अंग्रेजो की औलादो ने शुरू किया Hi Hello
वरना हम तो sita ram से पुरा भारत कवर कर देते
हंवा बदली मौसम बदला और बदल गये तुम
फिर सितम कैसा वक्त बदला ओर बदल गये हम
G.R..s
तेवर तो हम वक्त आने पे दिखायेंगे
शहेर तुम खरीदलो उस पर हुकुमत हम चलायेंगे