माना की हमे सलीका नही इश्क का
तूने भी तो हर बार इशारे नही समझे.

जो मैं रूठ जाऊँ तो तुम मना लेना,
कुछ न कहना बस सीने से लगा लेना।

बड़े ही अच्छे हुआ करते थे वो दिन
जिनमे तेरा आना जाना लगा रहता था

मरते तो तुझ पर लाखो होगें
मगर मै तो तेरे साथ जिना चाहता हुं सनम

जहासे तेरी बादशाही खत्म होती है वहासे मेरी नवाबी सुरु होती हे ।

फरियाद कर रही है तरसी हुई निगाह
किसी को देखे हुये अरसा हो गया है

सुनो मुझे सिर्फ इतना बता दो
इन्तजार करु या बदल जाऊ तुम्हारी तरह.

छोटी छोटी बातें दिल में रखने से
बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं

मैंने अपनी मौत की अफवाह उड़ाई थी,
दुश्मन भी कह उठे आदमी अच्छा था...!!!

अब उस नासमझ को समझाना छोड़ दिया
अब उसकी नासमझी से भी प्यार हो गया

इतना दर्द तो मरने से भी न होगा
जितना दर्द तेरी ख़ामोशी ने दिया था

मैं अपने दुश्मन के भी गले लग जाऊँ
शर्त ये है वो तुझसे मिलकर आया हो

खूबसूरती भी क्या बुरी चीज़ है
जिसने भी कभी डाली बुरी नज़र ही डाली

इतनी क्या जल्दी है मुझे छोड़ने की
अभी तो हद बाकी है मुझे तोड़ने की

एक नींद है जो रात भर नहीं आती,
और एक नसीब है, जो ना जाने कब से सो रहा है..