माना की तेरे प्यार का में मालिक नहीं,
पर कीरायेदार का भी कुछ हक्क तो बनता हैं !!
माना की तेरे प्यार का में मालिक नहीं,
पर कीरायेदार का भी कुछ हक्क तो बनता हैं !!
हर जुर्म पे उठती हैं उँगलियाँ मेरी तरफ
क्या मेरे सिवा शहर में मासूम हैं सारे
समझदार आदमी से की गयी कुछ मिनिट की बात
हज़ारो किताबे पढ़ने से कही बेहतर होती है
कौन कहता है कि आंसुओं में वज़न नही होता
एक भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता है
मत पूछना मेरी #शख्सियत के बारे में ..
हम जैसे #दिखते है वैसे ही #लिखते है ...!
तुम मेरी जिंदगी मे ऐसे शामिल हो..
जैसे मंदिर के दरवाजे पर बंधे हुए मन्नत के धागे...
मोहब्बत नहीं है नाम सिर्फ़ पा लेने
का,,,
बिछड़ कर भी अक्सर दिल
धड़कता है साथ -साथ !!"
मैंने छोड़ दिया है किस्मत पर यकीन करना
अगर लोग बदल सकते है तो किस्मत क्या चीज है
मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है
ज़िद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं
संग-ए-मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को
बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया।
कितनी फिकर है क़ुदरत को मेरे तन्हाई की,
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिये..
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा
इस जहां में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग
रुख हवा का देख कर अक्सर बदल जाते हैं लोग.!!
एक आरज़ू थी तेरे साथ जिंदगी गुजारने की
पर तेरी तरह मेरी तो ख्वाहिशे भी बेवफा निकली
मुझे भी समझा दे अपनी मज़बुरीयां इस कदर
की भुल जाऊ मै भी तुझे उन मज़बुरीयो के खातिर