कश्ती मुहब्बत की वो पतवार दुर ले जाकर बैठा हे
हम परिदें मुहब्बत के किनारे पर हे वो बीच सागर मे बैठा हे
कश्ती मुहब्बत की वो पतवार दुर ले जाकर बैठा हे
हम परिदें मुहब्बत के किनारे पर हे वो बीच सागर मे बैठा हे
अच्छा करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते
ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करते
पुरानि गर्लफ्रेन ने गुगल मे सर्च किया
"#Nandkishor Garg ..." को वश मै कैसै करै.. गुगल_का_Answer_आया ...
अपनि औकात कै बाहर सर्च ना करै...
कब्र से मेरी लिपट क़र इस शिद्द्दत से किया गुनाह कबुल अपना,
कि आसपास के मुरदे भी तडप उठै उसके हाथो कत्ल होने को..!!®
आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;
जिसको जितना याद करते हैं; उसे भी उतना याद आयें हम!
हमेशा दूसरों में बुराई तलाश करने वाले ब्यक्ति की मिसाल उस मक्खी जैसी है
जो खूबसूरत बदन को छोड़कर जख्म पर ही बैठती है
जिस चेहरे को देख कर हसते थे हम.... आज उसी ने
रुला दिया.. खुद ने तो फोन किया नहीँ... हमने
किया तो . . . . . कौलर ट्युन "तुझे भुला दिया"
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है
जो दिल का दर्द भुलाने के लिए शराब पीते है वो कभी साथ में नमकीन नही खाते
क्योंकि नमकीन तो दिलासा देने वाले ही खा जाते हैं
बहुत बार मैं सोचता हूँ कि तुम्हे भूल जाऊं
पर फिर सोचता हूँ अगर मैं भी भूल गया
फिर तुम्हारे और मेरे में फरक क्या रह जायेगा.
ये तो जिन्दगी की कशमकस में थोड़ा उलझ गए हैं दोस्तो,
वर्ना…
हम तो उनमें से है,
जो दुश्मनों को भी अकेला महसूस नहीं होने देते…!
संगे मरमर की तू बात न कर मुझसे
मैं अगर चाहूँ तो एहसास ऐ मोहब्बत लिख दु
ताज महल भी झूक जाएगा चूमने के लिए
में जो एक पथर पे Tera Naam लिखदु
सबकी ज़िन्दगी में खुशिया देने वाले मेरे दोस्त की ज़िन्दगी में कोई गम न हो
उसको मुझसे भी अच्छे दोस्त मिले अब इस दुनिया में हम न हो
एक जैसे दोस्त सारे नही होते
कुछ हमारे होकर भी हमारे नही होते
आपसे प्यार करने क बाद महसूस हुआ
कौन कहता है ज़मीन पर तारे नही होते
आँखों के सागर में ये जलन हैं कैसी
आज दिल को तड़पने की लगन हैं कैसी
बर्फ की तरह पिघल जायेगी जिंदगी ये तेरी दूर रहने की कसम हैं कैसी