बार बार क्यू पूछते हो मुकाम अपना
कह दिया ना जिदंगी हो तुम

तुम्हारे बाद मैं जिस का हो गया
पगली उसी का नाम तन्हाई हैं

महरूम ना कर साये से अपने ....
बिखर जायेंगे फिर आँखों से सपने !!

और भी बनती लकीरें दर्द की शुकर है खुदा तेरा जो हाथ छोटे दिए !!

आ ज़िन्दगी बैठ April खत्म होने को है तो तेरा भी हिसाब कर देते है .....

आ ज़िन्दगी बैठ April खत्म होने को है तो तेरा भी हिसाब कर देते है .....

झूठ भी बड़ी अजीब चीज है..
बोलना अच्छा लगता है ...
सुनना बुरा.........

हमे दुवाए दिल से मिली है
कभी खरीदने को जेब में हाथ नही डाला

तु होगी चाँद का टुकडा
पर मे भी मेरे पापा का जीगर का टुकडा हु

तु होगी चाँद का टुकडा ,
पर मे भी मेरे पापा का जीगर का टुकडा हु..

हम बने थे तबाह होने के लिए
तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था

..........कुछ लोग बहुत ही अच्छे होते हैं......
........जैसे आप
मुझे ही देख लें......

संस्कार की बात मत कर पगली तू
हम तो Temple Run भी चप्पल उतार के खेलते हे

हर कोई मुझे याद नहीं रखता.
हर किसी से मैं उम्मीद भी नहीं करता....!!

ताकत के संग नेक इरादे भी रखना
वरना ऐसा क्या था जो रावण हार गया