लिख दे मेरा अगला जनम उसके नाम पे ए खुदा
इस जनम में ईश्क थोडा कम पड गया है

लाश पता नही किस बदकिस्मत की थी मगर
क़ातिल के पैरो के निशान बड़े हसीन थे

जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी
जैसे खुद को किसी के पास भुल आये हों

मिले जब चार कंधे तो दिल ने ये कहा मुझसे
जीते जी मिला होता तो एक ही काफी था

मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी,
हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते..!

मेरे हालात पर बहुत मुस्कुराते हो तुम
बददुआ है कि तुम्हे भी इश्क़ हो जाये

नब्ज देखी हकीम ने कहा इसे इश्क की बीमारी है
दिल निकाल दो कमबख़्त बच जाएगा

मैं बहुत ज़ालिम हूँ ऐ मेरे दिल..
तुझे उस के हवाले किया जिसे तेरी क़दर ही नहीं..

मिल जाएँगे हमारी भी तारीफ़ करने वाले
कोई हमारी मौत की अफ़वाह तो फैलाओ यारो

किसी रोज रोशन मेरी भी जिंदगी होगी
इंतजार सुबह का नही किसी के लौट आने का है

वक्त के साथ कितना कुछ बदल जाता है !
चेहरे भूल जाते हैं फिगर याद रह जाता है!!Er kasz

पूँछा जो मैंने उससे मुझको भुला दिया कैसे
चुटकी बजा के वो बोला- ऐसे ऐसे ऐसे...

एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,
वरना मोहब्बत और नफरत एक ही दिल से होती है.

मुझे भी वही मिला जो हर आशिक का नसीब है
चाहा जिसे दिल से वो अब गेरो के करीब है

कहा था ना तुमसे मुझे दिल में ही रहने दो
मुझको बेघर करोगे तो आवारा हो जाऊंगा