वक़्त और दोस्त मिलते तो मुफ्त हैं
लेकिन उनकी कीमत का अंदाज़ा तब होता हैजब ये कहीं खो जाते हैं

बचपन में जब चाहा हँस लेते थे जहाँ चाहा रो सकते थे
अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए अश्कों को तनहाई

जीने के लिये सोचा ही नहीं दर्द संभालने होंगे; मुस्कुराये तो मुस्कुराने के क़र्ज़ उतरने होंगे!

तुम दूर हो मुझसे मैं परेशान नहीं होती
पर किसी और के इतना पास हो बात तो यह बर्दाश्त नहीं होती

कुछ सपनों को पूरा करने निकले थे घर से
किसको पता था कि घर जाना ही एक‪ सपना ‬बन जायेगान जायेगा

मैं कभी बुरा नहीं था उसने मुझे बुरा कह दिया
फिर मैं बुरा बन गया ताकि उन्हें कोई जुठा न कह सके

सारा दिन लगता हे खुद को समेटने में
फिर रात को तुम्हारी यादो की हवा चलती हे और हम बिखर जाते है

उस पगली ने प्यार से हमे एक दिन पागल क्या कह दिया
अब तो उसे देखते ही सारा पागलपन बहार आ जाता हे

उन्हे शक है की हम उनके लिए जान नही दे सकते
पर हमें डर है की वो बहुत रोयेंगे हमें आजमाने के बाद

सुना है प्यार मे कोई रूठे तो उसको शायरी से मनाते है
ना हम कभी रूठे है ना हमको किसी ने मनाया है

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
मेरी कोशिश है कि मुझे भी एक गर्लफ्रेंड मिलनी चाहिये

नींद उड़ा कर मेरी कहते है वो कि सो जाओ कल बात करेंगे
अब वो ही हमें समझाए कि कल तक हम क्या करेंगे

बेचैन राते बिताकर मैं किश्तें चुका रहा हूँ
उसने एक बार मुस्कुराकर कुछ यूँ कर्ज़दार कर दिया

पैसा कमाने के लिए इतना वक़्त खर्चा
ना करो कि
.
..
पैसा खर्च करने के लिए वक़्त ही ना
मिले।

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती....,
अपना वजूद भूलाना पडता है,
किसी को अपना बनाने के लिए...।