मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम! यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा! मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी! कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा!
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम! यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा! मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी! कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा!
शायर तो हम है शायरी बना देंगे; आपको शायरी मे क़ैद कर लेंगे; कभी सुनाओ हमें अपनी आवाज़; आपकी आवाज़ को हम ग़ज़ल बना देंगे।
प्यार गुनाह है तो होने ना देना प्यार खुदा है तो
खोने ना देना करते हो प्यार जब किसी से तो कभी
उस प्यार को रोने ना देना
मुद्दत से दूर थे हम-तुम; एक ज़माने के बाद मिलना अच्छा लगा; सागर से गहरा लगा प्यार आपका; तैरना तो आता था पर डूबना अच्छा लगा।
इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है? दूर रहकर भी कितने करीब होते है; मेरी बर्बादी का गम न करो; ये तो अपने अपने नसीब होते हैं!
कैसे कहूँ कि अपना बना लो मुझे; बाहों में अपनी समा लो मुझे; बिन तुम्हारे एक पल भी कटता नहीं; आ कर एक बार मुझ से चुरा लो मुझे।
यूँ नज़रों से आपने बात की और दिल चुरा ले गए; हम तो समझे थे अजनबी आपको; पर दे कर बस एक मुस्कुराहट अपनी; आप तो हमें अपना बना गए।
बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो, धूप आये तो सरसों पीली न हो, ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि, तेरी याद आये और पलकें गीली न हों।.
बचपन में पिताजी के बटुए में हमेशा मेरी जरूरतों से ज्यादा पैसे रहते थे
ये कारनामा मैं कभी अपने बटुए से नहीं दिखा पाया
फ़िज़ा को महकाती शाम हो तुम; प्यार में छलकता जाम हो तुम; तुम्हें दिल में छुपाये फिरते हैं; मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम।
बड़ी मुददत के बाद मिलने वाली थी कैद से आज़ादी; पर किस्मत तो देखो जब आज़ादी मिलने वाली थी; तब तक पिंजरे से प्यार हो चुका था!
वो मुलाक़ात कुछ अधूरी सी लगी; पास होकर भी कुछ दूरी सी लगी; होंठों पे हँसी आँखों में नमी; पहली बार किसी की चाहत ज़रूरी सी लगी।
बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो! मंजिल को पाने की कसक रहने दो! आप चाहे रहो नज़रों से दूर! पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो!
जब आंसू आए तो रो जाते हैं; जब ख्वाब आए तो खो जाते हैं; नींद आंखो में आती नहीं; बस आप ख्वाबो में आयेंगे यही सोच कर सो जाते हैं।
अब भी आता है तेरा नाम मेरे नाम के साथ; लोग जल जल कर ख़ाक हुए जाते हैं; उड़ता है दिल से जैसे धुआँ; बस वो छूने से ही राख हुए जाते है।