ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा; क्योंकि हशर की परवाह मैं नहीं करता; फनाह होना तो रिवायत है तेरी; इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता।
ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा; क्योंकि हशर की परवाह मैं नहीं करता; फनाह होना तो रिवायत है तेरी; इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता।
ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा; क्योंकि हशर की परवाह मैं नहीं करता; फनाह होना तो रिवायत है तेरी; इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता।
इश्क़ ने हमें बेनाम कर दिया; हर ख़ुशी से अनजान कर दिया; हमने कभी नहीं चाहा कि हमें इश्क़ हो; पर उनकी एक नज़र ने हमें नीलाम कर दिया।
रेत पर नाम कभी लिखते नहीं; रेत पर नाम कभी टिकते नहीं; लोग कहते है कि हम पत्थर दिल हैं; लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं!
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी! चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी! चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर! दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!
लोगों ने कहा तुम उसको याद क्यों करते हो; जो तुम्हे याद ही नहीं करता; तड़प कर दिल बोला; मोहब्बत करने वाले कभी मुक़ाबला नहीं करते।
नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं; क़रीब उन के आने के दिन आ रहे हैं; जो दिल से कहा है जो दिल से सुना है; सब उनको सुनाने के दिन आ रहे हैं।
तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है; तेरे दिल की धड़कन में दिल की जान है; ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें; लगता है उस रोज़ ये जिस्म बेजान है।
उदास हूँ पर तुझसे नाराज़ नहीं; तेरे दिल में हूँ पर तेरे पास नहीं; झूठ कहूँ तो सब कुछ है मेरे पास; और सच कहूँ तो तेरे सिवा कुछ नहीं।
हर घडी एक नाम याद आता है; कभी सुबह कभी शाम याद आता है; सोचते हैं हम कि कर लें फिर से मोहब्बत; फिर हमें मोहब्बत का अंजाम याद आता है।
हम रूठे तो किसके भरोसे! कौन है जो आयेगा हमे मनाने के लिए! हो सकता है तरस आ भी जाये आपको! पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिये!
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है; दिल ना चाह कर भी खामोश रह जाता है; कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है; कोई कुछ ना कहकर भी सब बोल जाता है।
खुशबू की तरह मेरी हर साँस में; प्यार अपना बसाने का वादा करो; रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैं; मेरे दिल में सजाने का वादा करो।
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा; ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा; ये मोहब्बत है ज़रा सोच कर करना; एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा; ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा; ये मोहब्बत है ज़रा सोचकर करना; एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा!